बिहार में नीतीश कैबिनेट में शनिवार को बड़ा फेरबदल हुआ. तीन मंत्रियों के विभाग में बदलाव किया गया है. इन मंत्रियों में चंद्रशेखर, आलोक मेहता और ललित यादव शामिल हैं. चंद्रशेखर से शिक्षा विभाग छीन लिया गया है. चंद्रशेखर को अब गन्ना विभाग का मंत्री बना दिया गया है. वहीं, आलोक कुमार मेहता को नया शिक्षा मंत्री बनाया गया है.
दरअसल, पिछले कई महीनों से शिक्षा विभाग सचिव और मंत्री का अखाड़ा बन गया था. अपर मुख्य सचिव केके पाठक और शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर में बिल्कुल नहीं बन रही थी. पिछले साल दोनों की लड़ाई पित पत्र वार में बदल गया था, तो उसके बाद प्रोफेसर चंद्रशेखर ने लगभग एक महीने तक शिक्षा विभाग में जाना ही बंद कर दिया था.
मंत्री और सचिव में बढ़ गया था विवाद
केके पाठक ने शिक्षा मंत्री के कुछ सहयोगियों को मंत्रालय में आने पर ही पाबंदी लगा दी थी. शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर, लालू प्रसाद यादव के पास गए थे. लालू ने नीतीश से बात की थी. फिर नीतीश कुमार ने चंद्रशेखर और पाठक दोनों को मुख्यमंत्री आवास में तलब किया था. मामला कुछ दिनों के लिए दब गया था, लेकिन इस महीने के शुरू में ही मंत्री और सचिव के बीच काफी विवाद बढ़ गया.
मंत्री को पाठक के कुछ आदेशों पर घोर आपत्ति थी. इसके बाद के के पाठक लंबी छुट्टी पर चले गए. फिर सरकार के निर्देश पर कुछ उच्च सदस्य अधिकारियों ने के के पाठक के मन मनौवल कर वापस शिक्षा विभाग में पदभार ग्रहण कराया गया.अब शिक्षा विभाग के मंत्री के पद से प्रोफेसर चंद्रशेखर को ही हटा दिया गया. आलोक मेहता को शिक्षा विभाग के मंत्री का पद दिया गया है.
लंबी छुट्टी के बाद पाठक की वापसी
केके पाठक लंबी छुट्टी से वापस इसी शर्त पर आए हैं कि शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर शिक्षा विभाग में नहीं रहेंगे. कल ही केके पाठक ने लंबी छुट्टी के बाद अपना पदभार ग्रहण किया और उसके अगले दिन प्रोफेसर चंद्रशेखर को शिक्षा विभाग से हटा दिया गया. शिक्षा मंत्री के रूप में राम मंदिर, अयोध्या और रामचरितमानस पर लगातार बयान देकर भी प्रोफेसर चंद्रशेखर सुर्खियों में रहे थे.