राम की अयोध्या नगरी आज राम के नाम से जगमगा रही है. आज प्रभु की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है, जिससे लोगों को 500 साल का इंतजार खत्म हो गया है. वैसे प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 16 जनवरी के किया जा रहा था.
अयोध्या नगरी ने बने राम मंदिर में श्री राम के बाल रूप स्वरूप की मूर्ति विराजमान की गई है, जो श्यामल रंग की है. वहीं, इसको लेकर कई लोगों के मन में एक सवाल है कि आखिर भगवान श्री राम की मूर्ति काले रंग की ही क्यों बनाई गई है? जानिए इसका रहस्य.
मूर्ति काले रंग में क्यों?
महर्षि वाल्मीकि रामायण में प्रभु राम के श्यामल रूप के बारे में बताया गया है. इसी वजह से राम जी को श्यामल रूप में पूजा जाता है. श्री राम की मूर्ति को श्याम शिला के पत्थर से बनाया गया है, जो बहुत खास है. इस श्याम शिला की आयु हजारों सालों की होती है. इससे श्री राम की मूर्ति हजारों सालों तक अच्छी सही रहेगी और इसमें किसी भी प्रकार का बदलाव नहीं किया जाएगा. हिंदू धर्म में पूजा पाठ के दौरान अभिषेक किया जाता है. इसी के चलते मूर्ति को जल, चंदन, रोली या दूध से किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होगा. जानकारी के अनुसार, जन्म भूमि में बाल स्वरूप की पूजा की जाती है. इसी वजह से श्री राम की मूर्ति बाल स्वरूप में है.
मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा क्यों?
प्राण प्रतिष्ठा प्रक्रिया का अर्थ है मूर्ति में प्राण डालना. हिंदू धर्म में बिना प्राण प्रतिष्ठा के मूर्ति पूजन पूरा नहीं माना जाता है. मूर्ति में प्राण डालने के लिए मंत्र उच्चारण और देवों का आवाहन किया जाता है. जिस भी प्रतिमा की पूजा की जाती है, उसकी प्राण प्रतिष्ठा करना जरूरी होता है.