शाहजहांपुर में एमपीएमएलए कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को दुष्कर्म के मामले में बरी कर दिया. चिन्मयानंद पर 13 वर्ष पहले उनकी शिष्या ने मुकदमा दर्ज कराया था.
एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को अपनी शिष्या से दुष्कर्म के मुकदमे में बरी कर दिया है. 13 वर्ष पहले 2011 में स्वामी चिन्मयानंद पर उनकी शिष्या ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था. इस मामले में पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री को हाईकोर्ट से स्टे मिला हुआ था. पूरा मामला एमपी एमएलए कोर्ट में ट्रायल पर था. 13 साल पुराने इस मामले में अब शाहजहांपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद को बरी कर दिया है.
शासकीय अधिवक्ता का कहना है कि स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ साक्षय के अभाव में उन्हें बरी कर दिया गया है. 13 वर्ष पहले शाहजहांपुर के मुमुक्ष आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद पर उनकी शिष्या ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था. इस मामले में स्वामी चिन्मयानंद को हाईकोर्ट से स्टे मिला हुआ था. वहीं शासकीय अधिवक्ता नीलिमा सक्सेना का कहना है कि एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश एहसान हुसैन एडीजे कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद को साक्षयों के अभाव में दोष मुक्त कर दिया है. वहीं चिन्मयानंद के वकील ओम सिंह का कहना है कि 13 वर्ष बाद न्याय मिला है. जो कृत्य उन्होंने किया ही नहीं, उसका आरोप उन पर लगाया गया. इसको लड़ते-लड़ते आज 13 वर्ष बीत गए. अब कोर्ट ने इसका निस्तारण किया है. अब जाकर न्याय मिला है.
गौरतलब है कि 2019 में भी स्वामी चिन्मयानंद पर एक छात्रा ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था. उस मुकदमे में भी स्वामी चिन्मयानंद बरी हो चुके हैं.