डीएम सुब्रत कुमार सेन ने जानकी वल्लभ शास्त्री के जयंती समारोह के दौरान कहा, “सकारात्मक सोच एवं सभ्य समाज के निर्माण में साहित्य की महत्वपूर्ण भूमिका है।” जिला प्रशासन द्वारा राजकीय सम्मान के साथ आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री जयंती समारोह मनाया गया।
इस दौरान डॉ. पूनम सिन्हा ने शास्त्री जी के शब्द सिल्वी शिल्प, वाक्य विन्यास तथा उनकी रचना पर अन्य प्रभावों की चर्ची की। वहीं डीएम ने साहित्यिक कृतियों को संरक्षित करने का आवाह्न किया। आपको बता दें कि ़ॉ. पूनम सिन्हा शहर की नामचीन हस्तियों में से एक हैं।
पूनम सिन्हा, लक्ष्मी नारायण नगर मौहल्ला की रहने वाली हैं। उन्होंने एम.ए. (हिन्दी), पी-एच.डी. (हिन्दी) किया है। उनके प्रमुख प्रकाशन निम्नलिखित हैं-
‘थोड़ी सी ऊष्मा’ (कविता-संग्रह),
‘सृजन का विवेक’ (भेंटवार्ता का संकलन),
‘संवाद समय से’ (आलोचना पुस्तक),
साथ ही पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं, संस्मरण, यात्रा-वृत्तांत, शोध-पत्र तथा आलोचनात्मक लेख प्रकाशित होते रहते हैं। उन्हें कई सम्मान प्राप्त हो चुके हैं, जिसमें प्रज्ञा भारती सम्मान, साहित्य सम्मेलन शताब्दी सम्मान प्रमुखता से अपनी जगह बनाते हैं।
उन्होंने साहित्य की लौ विदेशों तक जगाने के लिए कई विदेश यात्राएं भी की हैं।
सूआन दूषित राजभट्ट विश्वविद्यालय, बैंकाक, थाईलैंड में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में व्याख्यान, सेकेइ विश्वविद्यालय, टोक्यो, जापान में अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठी में भागीदारी एवं चीन के कुमिंग राज्य में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। साथ ही इंग्लैंड में भी उन्होंने अपने भारत की साहित्यिक संस्कृति की छाप छोड़ी है।वर्तमान में वे बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष और निदेशक, हिन्दी पत्रकारिता और संचार में कार्यरत हैं।