बिहार की मुजफ्फरपुर पुलिस का एक हैरतअंगेज कारनामा सामने आया है। एक शख्स के 84 हजार रुपये पुलिस दबाकर बैठी है। इस मामले में कोर्ट का आदेश भी फेल हो गया है। शराबबंदी वाले बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के बैरिया गोलंबर पर कबाड़ दुकान में शराब ज मामले में गिरफ्तार आरोपितों से जब्त हुए 84 हजार रुपये थाना से गायब हैं। विशेष उत्पाद न्यायालय ने जब्त रुपये जमानत पर छूटे आरोपित मनोज कुमार और नीतीश कुमार को लौटाने का आदेश दिया है। कोर्ट के आदेश की प्रति लेकर दोनों आरोपित एक साल से थाने का चक्कर काट रहे हैं। आज कल करके ब्रह्मपुरा थानेदार दोनों को दौड़ाते रहे।
इस मामले में ब्रह्मपुरा पुलिस का कहना है कि 2019 का मामला है। उस समय जब्त हुए रुपये मालखाना में जमा नहीं है। इसलिए रुपये वापस नहीं किए जा सकते हैं। रुपये नहीं मिलने पर मनोज और नीतीश ने कोर्ट में फिर से अर्जी दाखिल की है। जिस पर सुनवाई करते हुए विशेष उत्पाद कोर्ट ने ब्रह्मपुरा थानेदार से शो-कॉज किया है। ब्रह्मपुरा के तत्कालीन थानेदार विश्वनाथ राम और क्यूआरटी ने संयुक्त रूप से एक जुलाई 2019 को बैरिया गोलंबर के निकट व्यवसायी नीतीश कुमार की कबाड़ दुकान पर छापेमारी की थी।
यहां से भारी मात्रा में शराब की खाली बोतल, रैपर, कॉर्क आदि आपत्तिजनक सामान जब्त किया गया था। पुलिस ने कबाड़ दुकान की आर में अवैध रूप से शराब निर्माण करने का आरोप लगाते हुए कबाड़ व्यवसायी नीतीश कुमार समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। इसमें पुलिस ने नीतीश कुमार के पास से 48 हजार और सरैया के मनोज कुमार के पास से 35 हजार रुपये जब्त किए थे। इसकी जब्ती सूची भी बनाई गई थी और इसका जिक्र तत्कालीन थानेदार ने एफआईआर में भी किया। गिरफ्तार किए गए आरोपित नीतीश और मनोज को जमानत पर मुक्त किया गया था। इसके बाद दोनों ने थाने में जब्त रुपये की वापसी के लिए कोर्ट में अर्जी दी। जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने रुपये लौटाने का आदेश 14 फरवरी 2023 को दिया था। दोनों वादियों ने कोर्ट में फिर से अर्जी देकर दावा किया है कि कई बार थाने पर कोर्ट के आदेश की कॉपी लेकर गए, लेकिन पुलिस रुपये नहीं लौटा रही है।