सरकारी स्कूलों में उपलब्ध कराए गये बेंच-डेस्क की गुणवत्ता की जांच दो महीने बाद भी नहीं हो सकी है। 13 फरवरी को ही जांच का आदेश जारी किया गया था।जिले के कई स्कूलों में बेंच-डेस्क में अनियमितता की शिकायत मिल रही है।
दो से ढाई हजार के बेंच-डेस्क को स्कूलों में पहुंचाकर पांच हजार के बिल भुगतान का आरोप लगाया गया है। डीएम के पास इसकी शिकायत की गई है। फरवरी में कनीय तकनीकी प्रबंधक को जांच का आदेश दिया गया था। अब डीईओ ने जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई है। 30 अप्रैल तक कमेटी से जांच रिपोर्ट मांगी गई है। तीन सदस्यीय कमेटी में बीईओ, तकनीकी प्रबंधक और प्रखंड परियोजना प्रबंधक को रखा गया है।
लाखों का हो गया भुगतान, अब हो रही जांच
बेंच-डेस्क के लाखों रुपये के भुगतान के बाद जांच की कवायद की जा रही है। अब तक जिले में सैकड़ों की संख्या में बेंच-डेस्क उपलब्ध कराये गये हैं। एक बेंच डेस्क के लिए पांच हजार रुपये दर निर्धारित किया गया है।