सूबे के केंद्रीय जेल में सश्रम कारावास की सजा काट रहे बंदियों के द्वारा निर्मित विभिन घरेलू उत्पादों को अब आम लोग भी खरीद पाएंगे। इसको लेकर मुजफ्फरपुर के खुदीराम बोस केंद्रीय कारागार समेत बिहार के पांच केंद्रीय कारगार में मुक्ति बाजार आउटलेट की आज विधिवत शुरुआत की गई।
खुदीराम बोस केंद्रीय कारागार परिसर में बने मुक्ति बाजार आउटलेट का विधिवत उद्घाटन कोल्हान के प्रमंडलीय आयुक्त गोपाल मीणा ने फीता काट कर किया। इस मौके पर उन्होंने जेल में बने सरसों तेल की खरीद भी इस आउटलेट के माध्यम से किया गया।
कारा जेल प्रशासन के अनुसार सूबे में मुजफ्फरपुर केंद्रीय कारागार समेत वर्तमान में राज्य के 10 कारागार में कैदी निर्माणशाला संचालित है। जिससे करीब एक हजार सश्रम कारावास के बंदियों को रोजगार मिल रहा है। जिसमें बने विभिन्न उत्पादों की बिक्री मुक्ति बिहार ब्रांड के तहत होती है। अब कैदियों के द्वारा निर्मित इन्ही उत्पादों को इन आउटलेट के माध्यम से बाजार में उपलब्ध कराया जाएगा।
बिहार में इस योजना के तहत फिलहाल पांच केंद्रीय कारगार में इस योजना की शुरुआत एक साथ किया गया है। जिसमें मुजफ्फरपुर के खुदीराम बोस केंद्रीय कारगार समेत आदर्श केंद्रीय कारागार बेउर पटना, भागलपुर, पूर्णिया और मोतिहारी केंद्रीय कारागार में इसे शुरू किया है। जिसके तहत बिहार की केंद्रीय कारागार प्रणाली को कौशल विकास केंद्र के रूप में विकसित करने योजना पर काम हो रहा है।