माघ माह की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है. इस बार यह अमावस्या कल यानी 9 फरवरी शुक्रवार के दिन मनाई जाएगी. इस अमावस्या का धार्मिक दृष्टि से एक बड़ा महत्व है. इस बार मौनी अमावस्या पर एक महा संयोग बनने जा रहा है. ज्योतिष शास्त्रों में अमावस्या तिथि के स्वामी शनिदेव माने गए हैं. ऐसे में इस दिन शनिदेव की आराधना का भी विशेष महत्व है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान और तर्पण करना जरूरी माना गया है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, मौनी अमावस्या पर पितरों की पूजा करने से जीवन में सुख-सौभाग्य के साथ आय में बढ़ोतरी होती है.
अक्सर लोग पूजा-पाठ के दौरान कई ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो पितरों को नाराज कर सकती हैं. इन गलतियों की वजह से व्यक्ति को जीवन में बहुत-सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अगर आप भी नाराज पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं और उनकी कृपा पाना चाहते हैं तो आप इस दिन कुछ विशेष मंत्रों और स्त्रोत का पाठ जरूर करें. मान्यता है कि इन मंत्रों और स्तोत्र के पाठ से आपको पितृ दोष से छुटकारा मिलता है और आपका जीवन सुखमय व्यतीत होता है
मौनी अमावस्या पर करें इन पितृ स्तोत्र का पाठ
अर्चितानाममूर्तानां पितृणां दीप्ततेजसाम् ।
सप्तर्षीणां तथान्येषां तान् नमस्यामि कामदान् ॥
मौनी अमावस्या पर करें इन मंत्रों का जाप
मौनी पर विधि-विधान से पूजा व व्रत रखने से व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. अगर आपकी कुंडली में पितृदोष है तो Mauni Amavasya पर इस मंत्र का 108 बार जाप जरूर करें.
ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि।
शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्’
मौनी अमावस्या पर क्या करें?
हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या सभी अमावस्याओं में से बेहद खास मानी जाती है. इस दिन मौन व्रत भी रखा जाता है. कहते हैं कि इस दिन मौन व्रत रखने से मन को शांति मिलती है. इसके अलावा मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से विशेष पुण्य मिलेगा. साथ ही इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए व्रत भी रखा जाता है. मौनी अमावस्या पर तिल का तेल लगाकर स्नान और गरीबों को तिल का दान करना चाहिए.